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Scope and Ambit of Powers Of Courts U/s 319 CrPC : Supreme Court Summarize Principles ... Case Title: Manjeet Singh v State of Haryana LL 2021 SC 398

 Scope and Ambit of Powers Of Courts U/s 319 CrPC : Supreme Court Summarize Principles ... Case Title: Manjeet Singh v State of Haryana LL 2021 SC 398 The Supreme Court, in a judgment delivered on Tuesday 24th of August, 2021, summarized the scope and ambit of the powers of the Court under Section 319 of the Code of Criminal Procedure. Even in a case where the stage of giving opportunity to the complainant to file a protest petition urging upon the trial Court to summon other persons as well as who were named in the FIR but not implicated in the charge-sheet has gone, in that case also, the court is still not powerless by virtue of Section 319 CrPC, the bench of Justices DY Chandrachud and MR Shah observed. These observations were made in the appeal arising out of a murder case against the Trial Court's dismissal of the application under Section 319 CrPC and refusing to summon some persons to face the trial in exercising the powers under Section 319 CrPC. The High Court had upheld ...

“ऐसा पति ढूंढें जो घर के कामकाज संभाल सके” सीजेआई चंद्रचूड़ ने दिवंगत पूर्व पत्नी के कानूनी करियर का हवाला देते हुए लॉ स्नातकों को दी ये सलाह

  “ऐसा पति ढूंढें जो घर के कामकाज संभाल सके” सीजेआई चंद्रचूड़ ने दिवंगत पूर्व पत्नी के कानूनी करियर का हवाला देते हुए लॉ स्नातकों को दी ये सलाह भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कानून कार्यालयों और वकीलों के चैंबरों में काम के घंटों में सुधार और बेहतर कार्य-जीवन संतुलन की वकालत की है। बेंगलुरु में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी के वार्षिक दीक्षांत समारोह के दौरान दिए गए भाषण में, CJI ने बदलाव की आवश्यकता पर प्रकाश डालने के लिए अपनी दिवंगत पूर्व पत्नी, जो एक वकील भी थीं, की कहानी साझा की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब उनकी दिवंगत पत्नी एक लॉ फर्म में शामिल हुईं, तो उन्हें बताया गया कि काम के घंटे “24×7 और 365 दिन होंगे।” इसके अलावा, उसे बताया गया कि उसके पास अपने परिवार के साथ बिताने के लिए समय नहीं होगा सीजेआई ने कहा कि उन्हें एक ऐसे पति की तलाश करने की सलाह दी गई थी जो घरेलू कामकाज संभाल सके और परिवार के साथ समय बिताने की कोई अवधारणा नहीं थी। हालाँकि, CJI चंद्रचूड़ ने यह भी उल्लेख किया कि स्थिति विकसित हो रही है, यह दर्शाता है कि कानून...

🔥करेंट अफेयर्स एक पंक्ति में 28 जुलाई 2023🔥

 🔥 करेंट अफेयर्स एक पंक्ति में 28 जुलाई 2023 🔥 कंबोडिया के प्रधानमंत्री कौन है जिन्होंने हाल ही में इस्तीफा देने का फैसला लिया है- हुन सेन 2. डेलॉइट इंडिया के अनुसार, 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर कितनी रहने की संभावना है- 6-6.3 प्रतिशत  3. एशियन पेंट्स ने कंपनी के नए अध्यक्ष के रूप में किसे नियुक्त किया है- आर शेषशायी  4. किस अफ़्रीकी देश में सेना ने तख्तापलट कर राष्ट्रपति को पद से हटा दिया है- नाइजर  5. जर्मनी में हॉकी टूर्नामेंट के लिए जूनियर भारतीय हॉकी टीम का कप्तान किसे नियुक्त किया गया है- उत्तम सिंह 6. आर्मी पोस्टल सर्विस ने पहले स्थायी आधार नामांकन केंद्र का उद्घाटन किस शहर में किया- नई दिल्ली 7. 'इंडिया एआई' ने उभरती प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए किसके साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये है- मेटा  8. ‘मेरी माटी मेरा देश अभियान’ अभियान किस मंत्रालय की एक पहल है- ग्रामीण विकास मंत्रालय  9. हाल ही में किस आयरिश गायक का निधन हो गया है- सिनैड ओ'कॉनर (Sinead O’Connor)

UPPSC RO/ARO एग्जाम का नोटिफिकेशन जारी होने की सूचना आ चुकी है।

  UPPSC RO/ARO एग्जाम का नोटिफिकेशन जारी होने की सूचना आ चुकी है। अब सारा दारोमदार तैयारी करने वालों पर है कि वो अपनी तैयारी कब से शुरू कर रहे हैं और किस तरह से शुरू कर रहे हैं??? हमारे हिसाब से तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए और सबसे पहले PYQ से ही शुरू करना चाहिए। फिर उसके बाद करेंट अफेयर्स करीब 14 महीने का पढ़ना जरूरी है। इसके अलावा पैड बैच 25 अगस्त 2023 से शुरू होने वाला है जिसकी फीस बहुत ही नाममात्र की होगी और उसमें पूरा पाठ्यक्रम ही खत्म नहीं किया जाएगा बल्कि टेस्ट, अतिरिक्त क्लासेज के माध्यम से आपकी तैयारी को बेहतरी प्रदान की जाएगी। 

🅾️ सीआरपीसी की धारा 125 के तहत पत्नी को पति से अलग रहने के लिए पर्याप्त कारण साबित करने की आवश्यकता नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट*

 🟡कर्नाटक हाईकोर्ट, धारवाड़ खंडपीठ ने माना है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 125 के तहत भरण-पोषण की कार्यवाही के लिए अलग रहने के लिए पर्याप्त कारण के संबंध में सबूत की आवश्यकता नहीं है। *कोर्ट ने कहा,* _⏺️“सीआरपीसी की धारा 125 को पढ़ने से यह स्पष्ट है कि कार्यवाही प्रकृति में सारांशित है और यह पर्याप्त है यदि पति की ओर से पत्नी को भरण-पोषण प्रदान करने में लापरवाही या इनकार प्रदर्शित किया जाता है। कार्यवाही अलग रहने के पर्याप्त कारण के सबूत पर विचार नहीं करती है।”_ ⚫️ *श्रीमती रेणुका और अन्य बनाम श्री वेंकटेश* में दायर एक अपील पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस सीएम पूनाचा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि जब तक विवाहित जोड़े के बीच संबंध निर्विवाद है और पत्नी पति से अलग रह रही है, तब तक यह सीआरपीसी की धारा 125 के आवेदन को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त है। भरण-पोषण आवेदनों पर निर्णय लेते समय ट्रायल कोर्ट को पत्नी के लिए पति से अलग रहने के कारण की पर्याप्तता के बारे में निष्कर्ष दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है। *तथ्य* 🟢श्रीमती रेणुका ("याचिकाकर्ता/पत्नी") और श्री वेंकटेश (...

👇नदियों की जानकारी~भूगोल by Ravi Kumar

👇नदियों की जानकारी~भूगोल ▪️. भागीरथी नाम से गंगा को कहां बुलाया जाता है ? ►-गंगोत्री के पास ( यह हिमानी गंगा  उद्गम स्थल है ) ▪️. गंगोत्री कहां स्थित है और इसकी ऊंचाई कितनी है ? ►-उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 𝟯𝟵𝟬𝟬 किमी की ऊंचाई पर गोमुख के निकट गंगोत्री हिमानी गंगा का उद्गम स्त्रोत है । ▪️. अलकनंदा का उद्गम स्त्रोत क्या है ? ►-बद्रीनाथ के ऊपर सतोपंथ हिमानी (अलकापुरी हिमनद) ▪️. गंगा नदी को गंगा कहकर कहां से बुलाया जाता है ? ►-देवप्रयाग के बाद । जहां अलकनंदा और भागीरथी आपस में मिलती है । और हरिद्वार के निकट मैदानी भाग में पहुंचती है । ▪️. गंगा को पद्मा नाम से कहां पुकारा जाता है ? ►-बांग्लादेश ▪️ सिंधु भारत में किस राज्य से होकर बहती है ? ►-जम्मू-कश्मीर ▪️. भारत और पाकिस्तान के बीच संधि जलसंधि कब हुआ था ? ►-𝟭𝟵𝟲𝟬 ई. (भारत इस नदी का 𝟮𝟬 प्रतिशत पानी ही इस्तेमाल कर सकता है) ▪️. नदियां ➨और उनके उदगम स्थल ➨संगम/मुहाना? ►-सिंधु ➨ सानोख्याबाब हिमनद (तिब्बत के मानसरोवर झील के पास)➨अरब सागर गंगा ➨ गंगोत्री ➨ बंगाल की खाड़ी ▪️-यमुना ➨ यमुनोत्री हिमानी (बंदरपूंछ के पश्चिमी ढाल पर स...

जब बच्ची मां के साथ सहज ना हो तो पिता को कस्टडी देना जरूरी: पटना हाईकोर्ट

 ÷÷÷÷÷÷ Legal Update ÷÷÷÷÷ 🅾️जब बच्ची मां के साथ सहज ना हो तो पिता को कस्टडी देना जरूरी: पटना हाईकोर्ट 🟫 पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर कोई लड़की अपनी मां के साथ रहने में असुविधा व्यक्त करती है, भले ही यह एक अस्थायी परिस्थिति हो, तो फैमिली कोर्ट के लिए यह राय और निर्देश देने के लिए एक बहुत ही आवश्यक आधार है कि लड़की को उसके पिता के साथ रहना चाहिए। 🔵 जस्टिस हरीश कुमार और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने कहा, "अदालत ने माता-पिता के क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते हुए बच्चे के आराम, संतोष, स्वास्थ्य, शिक्षा, बौद्धिक विकास, अनुकूल परिवेश आदि को देखा है। इस प्रकार उसे कस्टडी और पालन-पोषण के संबंध में पिता के दावा श्रेष्ठ या मां का, यह तय करते समय नाजुक रास्ते पर बहुत सावधानी से चलना है। ⏹️अपीलकर्ता पत्नी ने फैमिली कोर्ट, पटना के फैसले और आदेश के खिलाफ एक विविध अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 6 साल की बच्ची का अपने पिता के साथ रहना सबसे अच्छा होगा क्योंकि उसका भाई पहले से ही उनके साथ रह रहा था।  ⚫फैमिली कोर्ट ने पिता को बेटी की फिजिकल कस्टडी सौंपी थी, साथ ही मां...